विपक्ष के गठबंधन का चक्रव्यूह भी भेदने को तैयार भाजपा, चुनाव को लेकर जेपी नड्डा ने जताई यह संभावना

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी का उत्तर प्रदेश में मिशन-2022 फिर से सत्ता काबिज होने का है तो विपक्षी दलों का मिशन है भगवा दल के विजय रथ को हर हाल में रोकना। अलग-अलग चुनावों में हाथ मिलाकर ताकत आजमा चुकी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस अभी भले अलग-अलग पाले में खड़ी होकर एक-दूसरे पर हमलावर हों, लेकिन 2019 में बतौर प्रभारी प्रदेश की सियासी नब्ज से वाकिफ हो चुके भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नजर आ रहा है कि यहां विपक्ष का गठबंधन लगभग तय है। पार्टी को इसी के मुताबिक तैयारी करने के लिए भी कहा है।

दो दिन के प्रवास पर उत्तर प्रदेश आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रविवार को आगरा में थे। उससे पहले शनिवार को उन्होंने लखनऊ में मैराथन बैठकें कीं। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विधानसभा प्रभारियों और जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों को चुनावी गुरुमंत्र देने के बाद प्रदेश मुख्यालय में वह पार्टी के वरिष्ठजनों के साथ प्रदेश के राजनीतिक हालात को परखते रहे। मंत्रियों के साथ अलग बैठक की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कोर कमेटी के साथ मंथन किया। फिर देर रात तक राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ चुनावी परिस्थितियों पर चर्चा करते रहे।

सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्रियों और पदाधिकारियों को नड्डा ने अपना आकलन बता दिया है। चूंकि, अपनी-अपनी ताल ठोंक रहे सभी दल कुछ शर्तों के सहारे गठबंधन की गुंजाइश की खिड़की खोले हैं, इसलिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लग रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी विपक्षी दल मिलकर ही भाजपा से लड़ने के लिए मैदान में उतरेंगे। उनका मानना है कि अभी सभी पार्टियां छोटे दलों को शामिल करने की बात कह रही हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आएंगे तो बड़े दल भी भगवा दल की विचारधारा के खिलाफ एकजुट होने में संकोच नहीं करेंगे।

इसके पीछे नड्डा का अपना अनुभव है। इस प्रदेश में सपा और बसपा को सियासी बैरी माना जाता रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब नड्डा प्रदेश प्रभारी के रूप में चुनावी कमान संभाले थे, तब अप्रत्याशित ढंग से यह दोनों दल मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़े। उससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने गठबंधन किया था। हालांकि, गठबंधन की संभावनाओं को जताने के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंत्रियों से यह भी कहा कि गठबंधन से चिंतित कतई नहीं होना है। 2017 और 2019 में भाजपा ने जिस तरह विजय हासिल की, वैसे ही फिर करेगी। फिर भी तैयारी इस चक्रव्यूह को ध्यान में रखते ही करनी है। ध्यान रहे कि किसी भी वर्ग-समाज को छोड़ना नहीं है। सभी को साथ लेकर चलना होगा।