लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में मतदान तथा चुनाव के परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आजम खां को जल निगम में जूनियर इंजीनियर भर्ती के घोटाले में जमानत दे दी है।
रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां दो वर्ष से सीतापुर की जेल में बंद हैं। जेल में रहकर रामपुर से विधानसभा का चुनाव लड़कर जीतने वाले आजम खां को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी है। उत्तर प्रदेश जल निगम में जूनियर इंजीनियर भर्ती घोटाले में आजम खां को आरोपित बनाया गया है। रामपुर में सरकारी जमीन पर कब्जे सहित अन्य कई मामलों में दोषी आजम खां दो वर्ष से जेल में बंद हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक आजम खां के साथ उनकी विधायक पत्नी तंजीम फातमा तथा बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां को फर्जीवाड़ा के मामले में जेल भेजा गया था।
आजम खां को इससे पहले आठ मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से एक मामले में जमानत मिली थी। आजम खां को अभी भी जेल मे रहना पड़ेगा। अभी उनके खिलाफ कई मामले कोर्ट में हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने आठ मार्च को आजम खां को जमानत देने का का निर्देश दिया। आजम खां के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (2) में चार्जशीट दाखिल हुई है। कोर्ट ने समाजवादी पार्टी आजम खां को सरकारी जमीन हड़पने के एक मामले में जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद भी वह अभी भी सीतापुर की जेल में बंद रहेंगे।
आजम खां के खिलाफ कुल 87 आपराधिक केस दर्ज हैं। जिनमें से 84 एफआईआर उत्तर प्रदेश में 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद के दो वर्ष में दर्ज की गई थी। इन 84 मामलों में से 81 मामले 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले और बाद की अवधि के दौरान दर्ज किए गए।