पंचायतों के निर्विरोध निर्वाचन पर सरकार का फोकस, पंद्रह लाख रुपये तक प्रोत्साहन राशि देगी

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भोपाल। राज्य सरकार का पूरा फोकस अब ग्राम पंचायतों के निर्विरोध निर्वाचन पर है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि निर्विरोध चुनी जाने वाली पंचायतों को ‘समरस पंचायत” कहा जाएगा। शुक्रवार को पंचायत चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि सरपंच का निर्वाचन निर्विरोध होने पर पंचायत को पांच लाख रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पंच से सरपंच तक सभी पदों पर महिलाएं चुनी जाती हैं तो 12 लाख रुपये और इन पदों के चुनाव में महिलाएं निर्विरोध जीतती हैं तो 15 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

सरकार की योजना के तहत यदि सरपंच दूसरी बार निर्विरोध चुना जाता है तो सात लाख रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पंच से सरपंच तक सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन होता है तो भी सात लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर पंचायत, जल परिपूर्ण पंचायत, स्वच्छ-स्वस्थ एवं हरित पंचायत और महिला एवं बाल हितैषी पंचायत आदि चार श्रेणी तय की हैं। सभी श्रेणी में पंचायतों को 15, 25 और 50 लाख रुपये तक के तीन पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

किस श्रेणी में क्या मापदंड …

महिला एवं बाल हितैषी पंचायत पुरस्कार

– महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उन्‍नयन की गतिविधियों को प्रोत्साहन।

– बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सभी संसाधनों से युक्त आंगनवाड़ी केंद्र।

– कुपोषण से मुक्ति।

– बेटियों-महिलाओं के कल्याण के लिए बनाई गईं योजनाओं का लाभ दिलाना।

जल परिपूर्ण पंचायत पुरस्कार …

– जल जीवन मिशन का अधिकतम उपयोग करना।

– जनभागीदारी से जल संरक्षण और संवर्द्धन करना।

– अमृत सरोवरों का निर्माण।

स्वच्छ-स्वस्थ एवं हरित पंचायत पुरस्कार

– शतप्रतिशत घरों में शौचालय की उपलब्धता।

– ठोस और तरल अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए संचालित योजनाओं का शतप्रतिशत क्रियान्वयन।

– पंचायतों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकतम उपयोग।

– पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के उपायों पर काम।

– टीकाकरण

– नियमित स्वास्थ्य परीक्षण

– बीमारियों की रोकथाम

– नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य संबंधी उपाय

– आयुष्मान भारत योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति को दिलाने।

आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर पंचायत पुरस्कार

– नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए कराधान की मजबूत व्यवस्था।

– जन सहयोग और कर संग्रहण से ग्रामीणों को सुविधा और सेवा प्रदान करना।

– स्व-सहायता समूहों का कौशल उन्न्यन एवं बैंक लिंकेज

– मनरेगा अंतर्गत स्थाई आजीविका

– हर पात्र परिवार को आवास, राशन, गैस आदि की सुविधा