डेंगू पर लापरवाही पड़ेगी भारी, प्रदेश में रोज मिल रहे औसतन 100 मरीज

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भोपाल। इस साल मानूसन सीजन में रुक-रुककर हो रही बारिश की वजह से मच्छर बढ़े हैं। मच्‍छर बढ़ने के साथ मच्‍छरजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ा है। यही वजह है कि एक से आठ सितंबर के बीच प्रदेश में डेंगू बुखार के 788 मरीज मिले हैं। यानी रोज औसतन 100 मरीज मिल रहे हैं। सावधानी रखकर इस बीमारी से बच सकते हैं। डेंगू के वायरस से संक्रमित होने के बाद भी 95 फीसद मरीजों में बीमारी साधारण बुखार के बाद पांच से सात दिन में ठीक हो जाती है। डेंगू के चार तरह के वायरस होते हैं। पिछले साल तक हुई जांच में सभी तरह के वायरस प्रदेश में मिलने की पुष्टि हो चुकी है।
कहां कितने मरीज मिले (08 सितंबर तक)
मंदसौर -731
जबलपुर –300
रतलाम–226
आगर मालवा–174

भोपाल–151
छिंदवाड़ा- 132
इंदौर–95
कुल मरीजों में 33 फीसद मंदसौर के
मंदसौर–33
जबलपुर- 13
रतलाम–10
भोपाल –7
छिंदवाड़ा – 6
इंदौर-4
अन्य जिले- 19

प्लेटलेट निकालने के लिए एफेरेसिस मशीनें –10
8 से 35 दिन होता है मच्छर का जीवन
-अंडा से लार्वा बनने में 3 दिन
– लार्वा से प्यूपा बनने में- 5 से 7 दिन
-प्यूपा से मच्छर -सातवें दिन
– मच्छर की जिंदगी- 28 से 35 दिन
संक्रमण का चक्र

– संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद मच्छर पूरी तरह से संक्रमित होता है- 5 दिन
-मच्छर के काटने के बाद मरीज को कितने दिन में लक्षण आते हैं- 5 दिन (प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने पर 7 दिन)
लक्षण आने पर कितने दिन बाद कम होने लगते हैं मरीज के शरीर में वायरस- 4 दिन
पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं वायरस- 7 से 9 दिन

डेंगू को ऐसे पहचानें
-ठंड के साथ तेज बुखार।
-सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द।
-आंख के पीछे सिर में तेज दर्द।
-शरीर में लाल रंग के दाने उभरना।
बचाव के लिए यह करें
– डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इसलिए फुल बांह के कपड़े पहनें।

– मच्छरदानी, मच्‍छरजालियां लगाएं।
-खून पतला करने की दवाएं न लें।
– संक्रमित होने पर तीन से चार लीटर तरल चीजें पीएं।
– नाक या मसूढ़े से खून आए या खून की उल्टी हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।