मध्य प्रदेश में महंगी बिजली और कंपनियों के कुप्रबंधन से मंत्री नाराज

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भोपाल । बिजली कंपनियां कीमत बढ़ाने की बात तो करती हैं पर सिस्टम को सुधारने की बात क्यों नहीं करती हैं। इसकी भी तो बात होनी चाहिए। आखिर बड़ा वर्ग इससे प्रभावित होता है। यह सवाल नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कैबिनेट बैठक के बाद ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान उठाया। चर्चा के दौरान अधिकांश मंत्रियों ने सुझाव रखे। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिजली से जुड़े सभी मुद्दों पर सुझाव देने के लिए मंत्रियों की समिति बनाई जाएगी, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। प्रदेश सरकार बिजली के कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं को सालाना 20 हजार 212 करोड़ रुपये की सबसिडी देती है। किसानों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की सबसिडी दी जाती है।

तीनों कंपनियां 45 हजार करोड़ से ज्यादा घाटे में हैं। इस राशि को कम करने के लिए ऊर्जा विभाग प्रयास कर रहा है। राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने बिलों की वसूली नहीं होने की बात उठाई। कुछ मंत्रियों ने कहा कि बड़े किसान लाखों रुपये की सबसिडी ले लेते हैं और छोटे किसान रह जाते हैं। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिसमें एक किसान को दो योजनाओं में सबसिडी का लाभ न मिले। मंत्रियों के सुझाव सुनने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त विभाग के अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि बिजली कंपनियों को सबसिडी की राशि का भुगतान किया जाए क्योंकि उन्हें भी आगे की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी हैं। भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नहीं मिलती है।

किसने क्या कहा

नियमित तौर पर बिजली के बिल नहीं आते हैं। बाद में एकमुश्त बड़ी राशि के बिल थोप दिए जाते हैं।- बिसाहूलाल सिंह,खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री

अस्थायी पंप कनेक्शन के कारण बिजली की चोरी होती है। स्थायी कनेक्शन ही दिए जाएं। बिजली हानि को कम करें। जब हम बिजली की दर बढ़ाते हैं तो व्यवस्थाओं में सुधार भी होना चाहिए।- कमल पटेल, कृषि मंत्री

पांच हार्सपॉवर की मोटर जब जल जाती है और किसान उसे भरवाता है तो उसका लोड बढ़ जाता है। इससे किसान को परेशानी होती है। इसके लिए युवाओं को मोटर बाइंडिंग के काम के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। – विजय शाह, वन मंत्री

पहले विभाग और बिजली कंपनियों की कार्यप्रणाली को ठीक किया जाए। कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए हैं। – यशोधरा राजे सिंधिया, तकनीकी शिक्षा मंत्री

तीन बिजली कंपनियों को एक कर दिया जाए। पहले जब विद्युत मंडल था, तब वह सरकार को राशि दिया करता था लेकिन कंपनियां बनने के बाद सरकार इन्हें बड़ी राशि देती हैं। – गोपाल भार्गव, पीडब्ल्यूडी मंत्री