अफसरों के भरोसे नहीं रहेंगे महामहिम, स्वयं देखेंगे योजनाओं की हकीकत

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भोपाल। मध्यप्रदेश को स्थाई राज्यपाल मिल जाने के साथ ही राजभवन की सक्रियता बढ़ी है। कामकाज में गति आई है, वहीं राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी अपनी सरकार के काम-काज पर बारीकी से नजर बनाए हैं। विभागवार फीडबैक लेने के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन को भी जानने का प्रयास कर रहे हैं। योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए वे ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे। इसको लेकर प्लान तैयार किया जा रहा है।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल अभी तक आधा दर्जन विभागों के आला अफसरों से मुलाकात कर चुके हैं। इसमें उच्च शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, महिला एवं बाल विकास प्रमुख है। राज्यपाल का फोकस विभाग में चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन पर अधिक है। इन्हें बेहतर ढंग से लागू करने के साथ सेवाभाव से काम करने की नसीहत भी दे रहे हैं। प्रयास है कि अफसरों का व्यवहार आमजन के साथ मित्रवत हो। काम-काज की शैली ऐसी हो जिससे लोग उनसे अपनी बात बेझिझक कह सकें। बैठकों के दौरान राज्यपाल भी लोगों से सहज भाव से मिल रहे हैं। जिससे लोग अपनी बात कहने में कोई संकोच न करें।

राज्यपाल ऐसे ले रहे हैं फीडबैक –

राज्यपाल मंगुभाई मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान से मुलाकात के दौरान सरकार के काम-काज की जानकारी ली तो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से भी अलग-अलग मुलाकात कर चुके हैं। इन पूर्व मुख्यमंत्रियों का फीडबैक एकदम अलग ही रहा। वहीं राज्य सरकार के मंत्रियों से भी अलग-अलग कर चुके हैं। हालांकि ये मुलाकातें अनौपचारिक बताई गईं, लेकिन सभी से उन्होंने विभाग की योजनाओं का फीडबैक लिया। समाज के अन्य वर्ग के लोग भी मुलाकात कर रहे हैं। साथ ही प्रदेश में घट रही घटनाओं पर न सिर्फ नजर बनाए हैं बल्कि दिशा निर्देश भी राजभवन से दिए जा रहे हैं। विदिशा जिले के गंजाबासौदा में हुए हादसे का मामला ताजा है। राज्यपाल दिल्ली प्रवास पर थे, वहीं से उन्होंने मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्रियों, मुख्य सचिव से फोन पर चर्चा कर दिशा निर्देश दिए। ऐसी ही सक्रियता अन्य मामलों पर भी रही।

राजभवन से बाहर निकलकर शुरू करेंगे दौरा –

आमतौर पर राज्यपाल राजभवन से ही सरकार को दिशा निर्देश देते हैं, लेकिन मंगुभाई पटेल इस परम्परा को तोड़ते हुए प्रदेश का दौरा भी शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। बैठकों के दौरान वे अफसरों को इसके संकेत भी दे चुके हैं। प्रयास यही है कि सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति को भी मिले। इसके लिए उनका फोकस ग्रामीण इलाकों पर अधिक है। इसलिए दौरा कार्यक्रम भी ग्रामीण क्षेत्रों का ही तैयार हो रहा है।