सैन्य और आर्थिक मोर्चों पर रूस को झटके, चीन की कंपनी ने निवेश की योजना रोकी

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कीव। यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। राजधानी कीव के नजदीकी इलाकों में यूक्रेनी सेना के आगे बढ़ने और रूसी सेना के पीछे हटने की खबर है। कीव के पूर्व में यूक्रेनी सेना 35 किलोमीटर आगे आ गई है। इसके चलते कई उपनगर वापस यूक्रेन के कब्जे में आ गए हैं। आर्थिक मोर्चे पर रूस को खास सहयोगी चीन से झटका लगा है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के चलते चीन की सरकारी कंपनी साइनोपेक ग्रुप ने रूस में पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में निवेश के लिए वार्ता रोक दी है। साइनोपेक एशिया की सबसे बड़ी तेलशोधन करने वाली कंपनी है।

शहरों की महीने भर से जारी घेराबंदी और उन पर बमबारी से यूक्रेन की दशा भी बिगड़ती जा रही है। जान बचाने के लिए 37 लाख से ज्यादा बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं देश छोड़कर पड़ोसी देशों में जा चुके हैं। इनमें से 22 लाख से ज्यादा केवल पोलैंड में पहुंचे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यूक्रेन में रूसी हमलों में अभी तक 1,081 लोग मारे गए हैं और 1,707 घायल हुए हैं। इनकी तुलना में ज्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं और घायल हुए हैं। इस बीच वेटिकन में ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के यूक्रेन में शांति के लिए शुक्रवार को विशेष प्रार्थना की है।

भारत के रुख पर समर्थक अमेरिकी सांसद ने जताई निराशा

भारत समर्थक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद मार्क वार्नर ने यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत और इजरायल के रुख पर निराशा जाहिर की है। कहा कि यह मौका अच्छे और बुरे के बीच चुनाव करने का है। लोकतांत्रिक देशों के साथ आने का मौका है। लेकिन इस समय भारत और इजरायल किनारे बैठे हैं। वार्नर अमेरिकी सीनेट में भारत समर्थक समूह के उप प्रमुख हैं।

जानसन की चिनफिंग से वार्ता

रूस-यूक्रेन युद्ध के सिलसिले में शुक्रवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक घंटे टेलीफोन पर हुई इस वार्ता को स्पष्ट और गंभीर बताया है। वार्ता में जानसन ने चिनफिंग ने यूक्रेन में शांति स्थापित करने वाले प्रयासों को बढ़ावा देने का अनुरोध किया।