‘कश्मीर…कश्मीर’ चिल्ला रहा पाकिस्तान, UN महासचिव ने जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा

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संयुक्त राष्ट्र: जब से भारतीय संसद ने जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए को निष्प्रभावी किया है, तब से पाकिस्तान (Pakistan) लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ‘कश्मीर-कश्मीर…’ चिल्ला रहा है. पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने भारत को डराने की मंशा से कश्मीर के मसले पर संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को पत्र भिजवाया था, लेकिन यहां भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी है. यूएनएससी की अध्यक्ष जोअन्ना रोनेका ने कश्मीर के हालत पर महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) को भेजे गए पाकिस्तान (Pakistan) विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

संवाददाताओं ने सात पश्चिमी देशों द्वारा गुरुवार को आयोजित एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस बारे में जब उनसे पूछा तो वह ‘नो’ कहकर कर वहां से चली गईं. कुरैशी द्वारा एक अगस्त को लिखा गया पत्र गुरुवार को सुरक्षा परिषद के सदस्यों को वितरित किया गया और संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी किया गया.

कश्मीर मसले पर किसी भी मीडिया का जवाब नहीं दिया
रोनेका मीडिया ब्रीफिंग में मौजूद थीं, जहां बेल्जियम के उप स्थायी प्रतिनिधि कारेन वान व्लिरबर्ग ने जॉर्जिया के समर्थन में एक बयान पढ़ा और वहां सीमा पर हालात तनावपूर्ण बनाने के लिए रूस की आलोचना की. किसी ने भी मीडिया के सवालों के जवाब नहीं दिए और वहां से चले गए. पाकिस्तान (Pakistan) की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने रोनेका से बुधवार को मुलाकात की थी. लोधी कश्मीर पर पैरवी करने के अपने अभियान पर हैं.

कुरैशी ने अपने पत्र में चिंता जाहिर की थी कि ‘इस बात को लेकर व्यापक चिंताएं हैं कि भारत पहले कदम के तौर पर अपने संविधान से अनुच्छेद 35-ए समाप्त करने, और उसके बाद अनुच्छेद 370 समाप्त करने की जमीन तैयार कर रहा है.’ उन्होंने गुटेरेस से कश्मीर के लिए एक विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करने और इलाके में एक तथ्यान्वेशी दल भेजने का भी आग्रह किया था.

कुरैशी अनुरोध पर गुटरेस के प्रवक्ता बोले- ‘हम अध्ययन कर रहे हैं’
कुरैशी के अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर गुटेरेस के प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने गुरुवार को अपने दैनिक ब्रीफिंग में कहा, ‘हम इसका अध्ययन कर रहे हैं. महासचिव स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं. सचिवालय भी स्थिति पर बराबर नजर रख रहा है, लेकिन एक विशेष दूत के मुद्दे पर कोई घोषणा करने या संकेत देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है.’

यह पूछे जाने पर कि क्या गुटेरेस ने कश्मीर के घटनाक्रम को सुरक्षा परिषद में लाने या इस बारे में कुछ बोलने की योजना बनाई है? उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसी कोई योजना नहीं है. मुझे ब्रीफ करने की किसी योजना की जानकारी नहीं है.’

चूंकि गुटेरेस और महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नाडा एस्पिनोसा मुख्यालय में नहीं हैं, लिहाजा लोधी ने राजनीतिक मामलों की अधीनस्थ महासचिव रोजमेरी डिकार्लो से गुरुवार को मुलाकात की. उन्होंने गुटेरेस की चीफ ऑफ स्टेट मारिया लुईसा रिबेरो वियोती से बुधवार को मुलाकात की थी.