अलाव तो छोड़िये, इतने कम बजट में तो मोमबत्ती भी नही जला सकते

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हरिद्वार। इस समय पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। बढती ठंड से जहाँ एक और जनजीवन अस्त व्यस्त है वहीं सरकार ने भीषण ठंड से लोगों को राहत देने के लिए आदेश जारी किया हैं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन अनुभाग ने जिलाधिकारी हरिद्वार को ठंड से बचाव हेतु अलाव जलवाने व जरूरतमंदों को कंबल वितरित कराने को कहा है। इसके अनुपालन में अपर जिलाधिकारी ने सभी तहसीलदारों व नगर निकायों के माध्यम से राहत के इंतज़ाम करने को धनराशि भी जारी कर दी है।
आश्चर्य की बात ये है की अलाव जलवाने और कंबल बांटने को जो राशि दी जा रही है वो इतनी कम है की अलाव तो दूर इतने कम बजट में मोमबत्तियां भी जलवानी मुश्किल हैं।

प्रशासन ने पूरे हरिद्वार जनपद के लिए तीन लाख के चैक जारी किये हैं। जिसमे पचास-पचास हज़ार रुपये जिले के चारों तहसीलदारों को दिए गए हैं। वहीं हरिद्वार नगर निगम को 34000 रुपये, रुड़की नगर निगम को 22000 रुपये, शिवालिकनगर नगर पालिका को 7000 रुपये, मंगलोर को 11000 रुपये, झबरेड़ा, लंढोरा, पिरान कलियर व भगवानपुर नगर पालिका को 5000-5000 रुपये तथा लक्सर नगर पालिका को 6000 रुपये दिए गए हैं।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतने कम पैसों में लाखों की आबादी के लिए अलाव और कंबल की व्यवस्था आखिर कैसे की जा सकती है?