प्रियंका की खींची लकीर पर चल रहे हैं किशोर!!

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देहरादून।। वनाधिकारों को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में कई आंदोलन चल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि पहली दफा ये आवाज उठी है, देश की आजादी से पहले से ही वनवासियों के विभिन्न मुद्दों पर बहस चल रही है।

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों को चिट्ठी लिख वनाधिकारों से वंचित लोगों की आवाज उठाने को कहा था। देश का उच्चतम न्यायालय भी इस मुद्दे पर सजग रहा है तथा अदालतों ने समय-समय पर कई आदेश पारित किए हैं।

किंतु सबसे ताजा मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र का है जहां कुछ माह पूर्व एक वीभत्स हत्याकांड हुआ था जिसमें 11 लोगों की मौत हुई और 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ऐसी लड़ाई लड़ी की वनवासियों, वंचितो और शोषितों को एक नया मसीहा मिल गया। श्रीमती गांधी इसको लेकर संजीदा दिखाई देती है तथा उनकी सक्रियता एक नई राजनैतिक लकीर खींच रही है।

देवभूमि उत्तराखंड में भी पिछले 7 दशकों से बड़ी आबादी जंगलों पर अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रही है। इस संघर्ष को एक मुखर आवाज प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने दी है।

ज्ञातव्य हो कि किशोर लंबे समय से वनाधिकारों को लेकर प्रदेश भर में आंदोलन चला रहे हैं। श्री उपाध्याय का गांधी परिवार से गहरा नाता रहा है। माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी से करीबी ने ही किशोर को वनाधिकारों की लड़ाई लड़ने का इशारा किया है।

उधर, प्रियंका की खींची लकीर पर चल किशोर प्रदेश की राजनीति की एक नई धुरी बन रहे हैं। यह तो आने वाला वक्त बताएगा कि अपने इस अभियान को मिलते जनसमर्थन के सहारे किशोर उपाध्याय प्रदेश की राजनीति को नई धार कैसे दे पाते हैं।