कुम्भ-2021 को लेकर किस असमंजस में है सरकार!!

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हरिद्वार।। हरिद्वार में गंगा तट पर 2021 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले को लेकर क्या सरकार किसी असमंजस में है? आखिर बेहद कम समय बचे होने के बावजूद अभी तक तैयारियां शुरू क्यों नहीं हुई हैं? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो आजकल सबकी जुबान पर है।

कुंभ मेला एक ऐसा विशाल पर्व है जिसमें गंगा जल में डुबकी लगाने विश्व भर से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। आगामी कुंभ मेला हरिद्वार में सन 2021 में होना है। राज्य सरकार इसमें 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगा रही है। आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार बड़े-बड़े ऐलान कर रही है, लेकिन आयोजन में बेहद कम समय बचे होने के बावजूद भी अभी तक कुंभ की तैयारियां शुरू नहीं हुई हैं।

हर बार कुंभ-अर्द्धकुंभ मेले में कई स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्य होते हैं, जैसे नए पुलों-घाटों का निर्माण, अस्पताल पार्किंग की व्यवस्था, अस्थाई कार्यालय, रैंप, छावनी इत्यादि। अस्थाई कामों के लिए तो अभी पर्याप्त समय है, किंतु स्थाई प्रकृति के कामों को अभी तक चिन्हित भी नहीं किया जा सका है। यह हाल तब है जब सरकार स्थाई निर्माण पर जोर देने की बात कह रही है।

सरकार की तैयारियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुंभ मेले के लिए अभी तक बजट भी घोषित नहीं किया गया है। वहीं मेला अधिकारी, मेला डीआईजी व मेला एसएसपी के पदों को छोड़ मेला विभाग में अधिकारियों की पूरी तैनाती भी नहीं हुई है।

सरकार भले ही लाख दावे करे किंतु अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरी गिरी तैयारियों में बरती जा रही देरी पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में सरकारी उदासीनता पर सवाल उठना लाजमी है।

मेला विभाग के सूत्रों के अनुसार, मेला बजट जारी न होने से कुंभ मेले में होने वाले निर्माण कार्यों का स्वरूप आंकने में अधिकारियों को परेशानी हो रही है। मेला विभाग यह तय नहीं कर पा रहा है कि उसकी सीमाएं क्या है, कितने बजट में उसको मेला संपन्न कराना है। इससे असमंजस का माहौल बना हुआ है।

यदि सरकार ने समय रहते कुंभ मेले की तैयारी में तेजी नहीं दिखाई तो आने वाले दिनों में उसको गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।