ग्लोबल वार्मिंग से सिकुड़ रही नदियां, मध्य हिमालय की उपेक्षा कर रही सरकार : किशोर

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देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने ग्लोबल वार्मिंग की वजह से नदियों के सिकुडने पर चिंता जाहिर की है। एक बयान जारी कर किशोर ने कहा कि सनातन परंपरा में पूजा से पहले सभी नदियों,सागरों,तीर्थों आदि का आह्वान किया जाता है कि उनका पवित्र जल पूजा के कर्मपात्र में समाहित हो। लगता है,धीरे-धीरे हम सरस्वती नदी की तरफ बढ़ रहे हैं,जब नदियों के दर्शन हमें सिर्फ़ कर्मपात्र में होंगे।
उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से मध्य हिमालय क्षेत्र की उपेक्षा हो रही है, ग्लेशियर पीछे खिसक रहे हैं, ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है, उससे नदियों का अस्तित्व ख़तरे में आ गया है। जिसमें गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र सिन्धु आदि नदियाँ शामिल हैं।
उपाध्याय ने कहा कि इस ख़तरे से बचना है तो मध्य हिमालय के लिये सतत समग्र समावेशी विकास की नीति और वहाँ के निवासियों को वनों पर उनके पुश्तैनी हक़-हक़ूक़ देना समय की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वनाधिकार आन्दोलन जन, जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है।