ऋषिकेश:- AIIMS में तकलीफें झेल रहे हैं आयुष्मान कार्ड धारक! “बीमा योजना की पहली बरसी पर विशेष”

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ऋषिकेश।। आज से ठीक 1 वर्ष पूर्व 23 सितंबर 2018 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे महत्वकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत लागू की थी, तो आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद जगी थी। इस जन कल्याण योजना से निसंदेह लाखों लोगों को लाभ पहुंचा है और इसकी बेहतरी के भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। परंतु देवभूमि उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का प्रबंधन जन सुविधाओं की अवहेलना कर रहा है।

मिशन एक्सप्रेस की टीम जब आयुष्मान योजना की पहली बरसी पर रियलिटी टेस्ट करने एम्स पहुंची तो आयुष्मान भारत योजना काउंटर पर भीड़ जमा थी। आपको बता दें की एम्स में आयुष्मान योजना के करीब आधा दर्जन काउंटर हैं, इसमें से केवल दो ही काउंटर खुले थे, बाकी पर से अस्पताल का स्टाफ नदारद था। जिसके कारण तीमारदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लंबी लाइनों में नंबर आने में घंटों का इंतजार कर तीमारदार थक कर जमीन पर बैठने को मजबूर थे। लाइनों में लगी कई महिलाएं ऐसी थी जिनके साथ उनके छोटे बच्चे भी थे।

हमने जब कुछ लोगों से बात की तो पता चला कि आयुष्मान योजना काउंटर्स पर दिन भर ऐसा ही नजारा रहता है। तीमारदारों को मरीज को छोड़ घंटों लाइन में लगना पड़ता है। कई बार नंबर आने पर यदि अस्पताल के कर्मचारी कोई अन्य कागज मांगे तो उसको लाने के बाद फिर से लंबी लाइनों से होकर गुजरना पड़ता है।

सवाल यह है कि मरीज की सुविधा के लिए बनी योजना को अस्पताल उसके जी का जंजाल बना रहे हैं। सरकार को चाहिए कि इस और ध्यान दें जिससे मरीजों के तीमारदारों को उत्पीड़ित ना होना पड़े।