तो अब उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड का आएगा नंबर, मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज

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देहरादून । उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार के बाद अब एक बार फिर उत्तराखंड में भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वयं अपनी टीम में नए चेहरे शामिल किए जाने की बात कही थी। अब जिस तरह से उत्तर प्रदेश में बड़ा विस्तार किया गया है, उससे इस बात की संभावनाएं पुख्ता नजर आ रही हैं कि उत्तराखंड में भी मंत्रिमंडल में रिक्त तीन पद जल्द भरे जा सकते हैं।

उत्तराखंड विधानसभा 70 सीटों का छोटा राज्य है और इस लिहाज से यहां मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 ही सदस्य शामिल किए जा सकते हैं। मार्च 2017 में जब उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनी, तब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कुल 10 सदस्य ही मंत्रिमंडल में शामिल किए गए। उस वक्त माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री जल्द शेष दो पद भी भर देंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस बीच दो महीने पहले कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश पंत का असामयिक निधन हो गया। पंत वित्त, पेयजल, आबकारी और संसदीय कार्य जैसे अहम महकमे संभाल रहे थे। ऐसे में कार्य के बंटवारे के लिहाज से यह जरूरी हो गया कि मुख्यमंत्री जल्द नए मंत्रियों को अपनी टीम में जगह दें।

दरअसल, मंत्रिमंडल में रिक्त तीन स्थानों के लिए भाजपा में विधायकों की खासी लंबी कतार है। इनमें पांच विधायक तो ऐसे हैं, जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा दो या दो से ज्यादा बार के विधायकों की संख्या 20 से ज्यादा है। इस स्थिति में इनमें से किन तीन विधायकों को मौका दिया जाए, यह मुख्यमंत्री के लिए खासा चुनौतीपूर्ण कार्य है। महत्वपूर्ण बात यह कि स्वयं मुख्यमंत्री कुछ समय पहले मंत्रिमंडल विस्तार जल्द करने की बात कह चुके हैं। इस स्थिति में इस बात की काफी संभावना है कि आने वाले दिनों में यह कवायद अंजाम तक पहुंच जाए। इस तरह की चर्चाओं को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री तीन दिन पूर्व दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं।

अब जबकि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के लगभग ढाई साल बाद कुछ मंत्रियों को हटाने के साथ ही नए मंत्री अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री जल्द मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। सियासी गलियारों में चर्चा तो यह भी है कि कुछ मंत्रियों की परफारमेंस से पार्टी खुश नहीं है, लिहाजा ऐसे मंत्रियों पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं।