प्रदर्शन कर रहे लोगों ने किया एसपी ऑफिस में घुसने का प्रयास, पुलिस ने संभाला मोर्चा

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टीकमगढ़. दिगौड़ा थाने के ग्राम मझगुंवा से आए ग्रामीणों ने एसपी ऑफिस में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने एसपी ऑफिस में घुसने का प्रयास किया। इसके बाद एसपी ऑफिस में कोतवाली पुलिस बुलाकर प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण किया गया। यह लोग अपने परिजन की हत्या के विरोध में कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाने की मांग की कर रहे थे।

विदित हो कि ग्राम मझगुंवा में 29 जुलाई को दो पक्षों में विवाद हो गया था। यहां पर 29 जुलाई की रात्रि को शराब के नशे में जितेन्द्र दांगी, गांव के ही देवेन्द्र यादव, हरिकिशोर यादव के घर में गाली-गलौज कर रहा था। गाली-गलौज करने से मना करने पर भी जब जितेन्द्र नही माना तो इन लोगों ने उसके साथ मारपीट कर दी। इस दौरान सूचना होने पर जितेन्द्र का भाई प्रमोद एवं पिता ओमप्रकाश दांगी भी वहां पहुंच गए और बीच-बचाव करने लगे। इस दौरान विवाद बड़ गया और लाठियां चलने लगी। इस घटना में प्रमोद एवं उसके पिता ओमप्रकाश दांगी को चोटे आई थी और उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं घटना के बाद जितेन्द्र वहां से फरार हो गया था। इसके बाद सुबह उसका शव गांव के ही पास एक पेड़ से लटका मिला था। इस पर परिजनों का आरोप था कि गांव के ही देवेन्द्र यादव, हरकिशोर, संजीव यादव सहित अन्य लोगों पर जितेन्द्र की हत्या करने के आरोप लगाए थे। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

किया प्रदर्शन: इसके बाद शुक्रवार को इन लोगों ने एक बार फिर से एसपी ऑफिस पहुंच कर प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप था कि दिगौड़ा पुलिस इस मामले में कारवाई नही कर रही हैं। ग्रामीणों के साथ ज्ञापन ेदेने के लिए आए परिजनों ने एसपी ऑफिस में घुसने का प्रयास किया। एसपी अनुराग सुजानिया के ऑफिस के गेट पर खड़े जवान ने जब इन्हें रोकने का प्रयास किया तो यह लोग धक्का-मुक्की करने लगे। इसके बाद इन लोगों को नियंत्रण में रखने के लिए कोतवाली से पुलिस बल बुलाने के साथ ही एएसपी एमएल चौरसिया एवं एसडीओपी सुरेश शेजवाल भी मौके पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में करने के बाद इन परिजनों का आवेदन लिया और उसकी जांच जतारा एसडीओपी से कराकर कारवाई का आश्वासन दिया। परिजनों इस मामले में दिगौड़ा पुलिस पर आरोपी हरिकिशोर, सुजान, संजीव एवं बालसिंह यादव के खिलाफ मामला दर्ज न करने एवं अपहरण की धारा न लगाने की बात कह रहे थे। जबकि पुलिस इस मामले में पूर्व में ही हत्या का मामला दर्ज कर चुकी हैं।

कहते हैं अधिकारी: परिजन इस मामले में कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाने की बात कह रही थी। पुलिस इस मामले में पहले ही चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर चुकी हैं। उनका आवेदन एसडीओपी जतारा को भेज कर मामले की जंाच कराई जाएगी। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आते हैं, उसके अनुसार कारवाई की जाएगी।- एमएल चौरसिया, एएसपी, टीकमगढ़।