वाराणसी में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, सपा नेता शतरुद्र प्रकाश भाजपा में शामिल

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वाराणसी। समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश आज भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, भाजपा की ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेई, सदस्य दयाशंकर सिंह और मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पहले जिलों की पहचान माफिया से होती थी। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम के सुंदरीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। वर्ष 1974 से वाराणसी में चार बार विधायक और मुलायम सिंह यादव की सरकार में बतौर मंत्री भी शतरुद्र प्रकाश शामिल रह चुके हैं।

वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विधानसभा चुनाव के पूर्व समाजवादी पार्टी से एक बड़े चेहरे को भाजपा में शामिल करने से काशी क्षेत्र में सपा के सामने बड़ी चुनौती आ गई है। अभी तक समाजवादी पार्टी के पूर्वांचल से एक बड़े चेहरे के तौर पर एमएलसी शतरुद्र प्रकाश सरकार के लिए बड़ी चुनौती बने हुए थे। अब भाजपा के साथ जुड़ने और काशी के विकास के लिए पीएम का धन्‍यवाद कर शतरुद्र प्रकाश यूपी में प्रमुख विपक्षी दल के तौर पर समाजवादी पार्टी के लिए चुनौती पेश करते विधान परिषद में नजर आएंगे। इसके साथ ही अब शतरुद्र प्रकाश के करीबियों में भी सुगबुगाहट बढ़ गई है। हालांकि, शतरुद्र प्रकाश के भाजपा से जुड़ने के बारे में पूर्व में ही सपाइयों और उनके करीबियों को भनक लग गई थी।

वहीं शतरुद्र प्रकाश के भाजपा से जुड़ने के बारे में इंटरनेट मीडिया में भी काफी चर्चा हो रही है। भाजपाई इसे जहां सपा से मोहभंग करार दे रहे हैं और सत्‍ता के पक्ष में रुझान बता रहे हैं वहीं विपक्षी दलों की ओर से अभी प्रतिक्रिया का इंतजार है। दउरअसल शतरुद्र प्रकाश पुराने और जुझारू समाजवादी नेता के तौर पर अपनी पहचान रखते थे, अब उनके भगवा दुर्ग को और मजबूत करने की संभावनाओं को देखते हुए समाजवादी खेमे में बेचैनी भी बनी हुई है।

शतरुद्र प्रकाश समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया से प्रभावित होकर समाजवादी युवजन सभा बीएचयू के सदस्य बने थे। अपने सियासी सफर में उन्‍होंने राष्‍ट्रपति भवन तक प्रदर्शन कर समाजवाद का परचम फहराया था। उसके बाद वह समय के साथ सपा में आगे बढ़ते गए और वाराणसी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल और प्रदेश के चर्चित समाजवादी चेहरे के तौर पर पहचाने जाने लगे। जमीन से जुड़े मुद्दोंं को उठाने से लेकर समाजवादी पार्टी के बड़े आयोजनों पर मंच का अहम हिस्‍सा हुआ करते थे। मुलायम सिंह यादव के करीबी के तौर पर वह समाजवादी पार्टी में जमीनी नेता माने जाते थे।